यह उत्सव भादो माह में मनाया जाता है। मुखौटा नृत्य-नाटिका के रूप में मनाये जाने वाले इस महोत्सव का मुख्य पात्र लखियाभूत, महादेव शिव का सबसे प्रिय गण, बीरभद्र मन जाता है।
प्रतिवर्ष इस तिथि पर लाखिया भूत के आशीर्वाद को मंगल और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। हिलजात्रा उत्सव पूरी तरह कृषि से सम्बन्धित माना गया है।
हिलजात्रा मूल रूप से नेपाल का पर्व है। वहां इसे ' इंद्रजात्रा ' के नाम से मनाया जाता है। कहा जाता है कि यह पर्व नेपाल के राजा ने महरों को भेंट स्वरूप प्रदान किया था।
कहा जाता है कि हिलजात्रा के दौरान लखियाभूत जितना आक्रामक होता है, प्रसन्न होने पर उतना ही फलदायी भी होता है।