उत्तराखंड स्थित चम्पावत जिले के लोहाघाट से करीब 9 किलोमीटर दूर अद्वैत आश्रम, मायावती विख्यात विचारक एवं दार्शनिक स्वामी विवेकानंद द्वारा स्थापित बंगाल के बेलूर मठ की शाखा का केंद्र है। मायावती आश्रम की स्थापना कप्तान जे. एम. सेवियर एवं उनकी पत्नी द्वारा की गयी जो स्वामी विवेकानंद के परामर्श से हुआ। सेवियर दम्पत्ति तथा स्वामी विवेकानंद के शिष्य स्वरूपानंद ने मिलकर स्वामी विवेकानंद के इस सपने को साकार किया। आश्रम का निर्माण मेजर मैकगवर्नर के एक चाय बागान में हुआ और आज भी इस जगह आप चाय के कुछ पौधे देख सकते हैं। (Mayawati Ashram Lohaghat)
वर्ष 1898 में अपने तृतीय आगमन के बाद स्वामी विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति एवं दर्शन से संबंधित अंग्रेजी की पत्रिका प्रबुद्ध भारत के प्रकाशन कार्यालय को मद्रास से मायावती लाने का निर्णय लिया और तब से ही यह यहां से प्रकाशित हो रहा है। पुराना मुद्रण प्रेस जहां से पत्रिका प्रकाशित होती थी, वह आज भी कायम है। इसे वर्ष 1898 में सेवियर दम्पत्ति द्वारा कोलकाता में लाया गया और इसे अल्मोड़ा के थॉमसन हाउस में लगाया गया। अगले वर्ष इसे मायावती लाया गया जहां इसका इस्तेमाल पत्रिका एवं स्वामी विवेकानंद के प्रवचनों के अन्य साहित्यों का प्रकाशन करने में हुआ तथा स्वामी विवेकानंद जब वर्ष 1901 में यहां आये तो उन्होंने स्वयं ही इस प्रेस को चलाया। वर्ष 1930 में इसे पुनेथा परिवार के हाथों बेच दिया गया तथा वर्ष 1994 में इस परिवार ने इसे आश्रम को दान कर दिया।
समुद्र तल से 1,940 मीटर ऊंचाई पर स्थित यह आश्रम हिमालय का अद्भुत नजारा प्रस्तुत करता है। यह भारत तथा विदेशों से अध्यात्मवादियों को आकर्षित करता है, खासकर उन बंगाल वासियों को जो आश्रम से निकटता से जुड़े थे। आश्रम आगंतुकों के अनुरोध पर उन्हें रहने की सुविधा प्रदान करता है तथा यहां एक छोटा पुस्तकालय एवं संग्रहालय भी है।
आश्रम परिसर में शामिल है: प्रमुख भवन जिसमें कार्यालय, एक प्रार्थना भवन, रसोईघर तथा भोजन कक्ष निचले तल में है एवं संयासियों का आवास दूसरी मंजिल पर है तथा यही पुस्तकालय भवन एवं अस्पताल आदि भी हैं। अधिकांश आकर्षणों की संबद्घता स्वामी विवेकानंद, स्वरूपानंद एवं सेवियर दम्पत्ति की स्मृतियों यथा एक आराधना शिविर, एक झील, धर्मघर, सेवियर दंपत्ति का आवास आदि से ही है। धर्मघर जो चार किलोमीटर के घने जंगलों के अंत में स्थित है, जाते समय एक मार्गदर्शक का साथ होना उचित है।
आश्रम हिमालयी श्रृंखला खासकर नंदा देवी, नंदकोट एवं त्रिशूल शिखरों का कुछ अद्भुत दृश्य पेश करता है।
उत्तराखंड की यह ऑफ-बीट जगह, जहाँ हर साल आते हैं कई सेलेब्रिटीज।