State Symbols of Uttarakhand : राजकीय प्रतीक किसी भी देश या राज्य की आधिकारिक पहचान होते हैं, जो वहां के मूल्यों, इतिहास, संस्कृति, परंपराओं और प्रशासनिक पहचान को दर्शाते हैं। ये प्रतीक उनकी मौलिकता और प्रमाणिकता को बनाये रखने में मदद करते हैं। यहाँ हम भारत के खूबसूरत राज्य उत्तराखंड के राजकीय प्रतीकों के बारे में जानेंगे।
उत्तराखंड राज्य 9 नवंबर 2000 को देश के 27वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। उत्तर प्रदेश से अलग हुए इस राज्य ने अपनी आधिकारिक पहचान के लिए नए राजकीय प्रतीक जैसे चिन्ह, पशु, पक्षी, फूल, वृक्ष आदि निर्धारित किये। ये वे प्रतीक हैं जो वहां के इतिहास, संस्कृति और गौरव का प्रतिनिधित्व करते हैं।
उत्तराखंड के राजकीय प्रतीक :
- राजकीय चिह्न (State Emblem)
- राजकीय पुष्प (State Flower) – ब्रह्मकमल
- राजकीय पक्षी (State Bird) – मोनाल
- राजकीय पशु (State Animal) – कस्तूरी मृग
- राजकीय वृक्ष (State Tree) – बुरांश
- राजकीय खेल (State Sports) – फुटबॉल
- आदर्श वाक्य (State Motto)- सत्यमेव जयते
- राजकीय दिवस (State Day) – उत्तराखंड दिवस (09 नवंबर)
- राजकीय तितली (State Butterfly) – कॉमन पीकॉक
- राजलीय मछली (State Fish) – गोल्डन महसीर (Golden mahseer)
- राजकीय वाद्य (State Instrument) – ढोल
- राजकीय भाषा (State Language) – हिंदी एवं संस्कृत
- राजकीय गीत (State Song)- उत्तराखंड देवभूमि मातृभूमि
- राजकीय फल (State Fruit) – काफल (अनौपचारिक)
- राजकीय नदी (State River) – गंगा ( अनौपचारिक)
- राजकीय मिठाई (State Sweet) – बाल मिठाई (अनौपचारिक)
- राजकीय सब्जी (State Vegetable) – कंडाली का साग ( अनौपचारिक)
- उपनाम (Nickname) – देवभूमि ( अनौपचारिक)
उत्तराखंड का राजकीय चिह्न (State Emblem of Uttarakhand)
उत्तराखंड का राजकीय चिह्न राज्य सरकार की आधिकारिक पहचान और गौरव का प्रतीक है। यह राज्य की भौगोलिक और सांस्कृतिक विशेषताओं का प्रतिनिधित्व करता है। उत्तराखंड सरकार द्वारा 9 नवंबर 2000 को अपनाया गया यह चिन्ह प्रशासनिक कार्यों, सरकारी दस्तावेजों और सरकारी संस्थानों की पहचान के रूप में उपयोग किया जाता है।
संरचना और डिजाइन
उत्तराखंड के राजकीय चिह्न में निम्नलिखित प्रमुख तत्व होते हैं:
- आकृति – उत्तराखंड का राज्य चिह्न हीरे की आकृति में बना है, जो राज्य के पहाड़ी भूभाग को दर्शाती है। यह सफ़ेद पृष्ठभूमि पर नीले बॉर्डर में बनाया गया है।
- राष्ट्रीय प्रतीक (अशोक स्तंभ) – चिह्न के शीर्ष पर भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ स्थित है, जो भारतीय गणराज्य की संप्रभुता को दर्शाता है। अशोक स्तम्भ के नीचे संस्कृत में भारत का राष्ट्रीय उद्घोष ‘सत्यमेव जयते’ भी अंकित है।
- पर्वतीय पृष्ठभूमि – इसमें हिमालय पर्वत की श्रृंखलाओं को दर्शाया गया है, जो उत्तराखंड की भौगोलिक और पारिस्थितिकी प्रकृति को प्रतिबिंबित करता है।
- लहरदार धारियां – ये चार जलधाराएं हैं, जो राज्य में प्रवाहित होने वाली चार प्रमुख नदियों गंगा, यमुना, काली और रामगंगा का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- लाल और सफेद रंग – उत्तराखंड के राजकीय चिन्ह में लाल रंग उत्तराखंड राज्य आंदोलन में शहीद हुए आंदोलनकारियों के रक्त का प्रतीक है और सफ़ेद पृष्ठभूमि शांतिप्रिय उत्तराखंडवासियों का प्रतीक है। इन रंगों का संयोजन ऊर्जा, शक्ति और पवित्रता को दर्शाता है। प्रतीक के ठीक नीचे ‘उत्तराखंड राज्य‘ नाम अंकित है।
महत्व
उत्तराखंड का राजकीय चिह्न न केवल प्रशासनिक प्रतीक है, बल्कि यह राज्य की सांस्कृतिक और प्राकृतिक संपदा को भी दर्शाता है। यह प्रतीक समस्त राज्यवासियों को अपनापन का अहसास कराता है।
उत्तराखंड का राजकीय पुष्प (State Flower) – ब्रह्मकमल (Saussurea obvallata)
ब्रह्मकमल उत्तराखंड का राजकीय पुष्प है। यह एक दुर्लभ और पवित्र फूल माना जाता है, जो मुख्य रूप से ऊंचे हिमालयी क्षेत्रों में चट्टानों के आसपास खिलता है।
- वैज्ञानिक नाम: Saussurea obvallata
- परिवार: Asteraceae
- विस्तार क्षेत्र: यह 3500 से 5000 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है।
- रंग और आकार: यह सफेद और हल्के हरे-पीले रंग का होता है, और खिलने पर इसका आकार कमल जैसा दिखता है।
महत्व
धार्मिक दृष्टि से, यह भगवान शिव को समर्पित माना जाता है और केदारनाथ व बद्रीनाथ मंदिरों में विशेष रूप से चढ़ाया जाता है। उत्तराखंड की आराध्य देवी माँ नंदा का यह प्रिय पुष्प है। नन्दाजात के दौरान देवी को यह पुष्प उच्च हिमालयी क्षेत्रों से लाकर अर्पित किये जाते हैं।
यह औषधीय गुणों से भरपूर होता है और आयुर्वेद में इसका उपयोग किया जाता है। यह उत्तराखंड की समृद्ध जैव विविधता और आध्यात्मिक परंपरा का प्रतीक है।
उत्तराखंड का राजकीय पक्षी (State Bird) – मोनाल (Himalayan Monal)
हिमालय का मोर के नाम से विख्यात मोनाल (Lophophorus impejanus) उत्तराखंड का राजकीय पक्षी है। मोनाल को स्थानीया भाषा में ‘मन्याल’ व ‘मुनाल’ भी कहा जाता है।
- वैज्ञानिक नाम: Lophophorus impejanus
- परिवार: Phasianidae
- विस्तार क्षेत्र: यह पक्षी मुख्य रूप से हिमालय क्षेत्र में पाया जाता है, जो उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, नेपाल और तिब्बत में देखा जाता है।
- रंग और स्वरूप: नर मोनाल बहुत ही आकर्षक होता है, जिसका पंख नीले, हरे, लाल और सुनहरे रंग का मिश्रण होता है। मादा की तुलना में नर अधिक चमकदार होता है।
महत्व
मोनाल की सुंदरता और इसकी ऊँचाई वाले ठंडे क्षेत्रों में रहने की क्षमता इसे उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य और जीवनशैली का प्रतीक बनाती है। 38वें राष्ट्रीय खेलों का शुभंकर ‘मौली‘ इसी मोनाल पक्षी से प्रेरित होकर तैयार किया गया है।
इसे संरक्षण की आवश्यकता है क्योंकि यह अवैध शिकार और पर्यावरणीय परिवर्तन के कारण संकटग्रस्त हो चुका है।
उत्तराखंड का राजकीय पशु (State Animal) – कस्तूरी मृग (Musk Deer)
कस्तूरी मृग (Moschus chrysogaster) उत्तराखंड का राजकीय पशु है। यह अपनी सुगंधित कस्तूरी के लिए प्रसिद्ध है। हिमालय क्षेत्र में यह देवदार, फर, भोजपत्र एवं बुरांस के वनों में लगभग 3600 मी. से 4400 मीटर की ऊँचाई पर पाया जाता है।
- वैज्ञानिक नाम: Moschus chrysogaster
- परिवार: Moschidae
- विस्तार क्षेत्र: यह मुख्य रूप से उत्तराखंड, हिमालयी क्षेत्रों और नेपाल में पाया जाता है।
- आकार: यह छोटा, बिना सींग वाला हिरण होता है।
- विशेषता: नर कस्तूरी मृग के पेट में एक विशेष ग्रंथि होती है, जिससे कस्तूरी प्राप्त होती है, जिसका उपयोग इत्र और औषधियों में किया जाता है।
महत्व
यह उत्तराखंड के जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कस्तूरी मृग प्रकृति के सुन्दरतम जीवों में से एक है।
अत्यधिक शिकार और अवैध व्यापार के कारण यह लुप्तप्राय हो चुका है, जिससे इसका संरक्षण अत्यंत आवश्यक हो गया है।
उत्तराखंड का राजकीय वृक्ष (State Tree) – बुरांश (Rhododendron arboreum)
बुरांश उत्तराखंड का राजकीय वृक्ष है। यह मध्यम ऊँचाई का सदापर्णी वृक्ष है। इसकी पत्तियाँ लम्बी, मोटी एवं घंटी के आकार के लाल रंग के पुष्प गुच्छों में लगे होते हैं। मार्च-अप्रैल में जब इस वृक्ष में पुष्प खिलते हैं तब यह अत्यन्त शोभावान दिखता है। इसके पुष्प औषधीय गुणों से परिपूर्ण होते हैं। इसके फूलों से बनाया गया शर्बत हृदय रोगियों के लिये लाभदायक माना जाता है।
- वैज्ञानिक नाम: Rhododendron arboreum
- परिवार: Ericaceae
- विस्तार क्षेत्र: यह 1500 से 3600 मीटर की ऊंचाई पर पाया जाता है।
- रंग और आकार: इसके फूल लाल रंग के होते हैं, जो देखने में बहुत आकर्षक लगते हैं।
महत्व
- इसके फूलों से बुरांश का रस (शर्बत) बनाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
- यह वृक्ष पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
- यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक और पारंपरिक धरोहर का प्रतीक है।
- विस्तृत में यहाँ भी पढ़ें – उत्तराखंड के प्रतीक।
- उत्तराखंड का पारम्परिक नृत्य : छोलिया
निष्कर्ष
उत्तराखंड के राजकीय प्रतीक राज्य की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरणीय महत्व को दर्शाते हैं। मोनाल पक्षी, कस्तूरी मृग, बुरांश वृक्ष, ब्रह्मकमल पुष्प और राज्य का आधिकारिक चिह्न सभी मिलकर उत्तराखंड की विशिष्ट पहचान को दर्शाते हैं। इन प्रतीकों को संरक्षित करना और उनके प्रति जागरूकता फैलाना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि उत्तराखंड की जैव विविधता और सांस्कृतिक विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रह सके।